जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी पर बड़ा खुलासा. (Photo: PTI)
जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया के नंबर 1 तेज गेंदबाज हैं. भारत की जीत पर उन पर काफी हद तक निर्भर करती है. इसलिए बीसीसीआई उनका खास ध्यान रखती है. कप्तान रोहित शर्मा भी उन्हें लेकर सतर्क रहते हैं. टीम मैनेजमैंट चाहती है कि वह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जैसी बड़ी सीरीज और बड़े टूर्नामेंट्स के लिए फिट रहें. साथ ही भारतीय टीम के लिए ज्यादा से ज्यादा दिन तक खेल सकें. इसलिए उन्हें पूरा आराम दिया जाता है. उनके आराम को लेकर दिग्गज क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने एक बड़ा खुलासा किया है. साथ ही टीम इंडिया को चेतावनी भी दी.
बुमराह ने खेले सिर्फ इतने मैच
संजय मांजरेकर ने ईएसपीएनक्रिकइंफो पर एडिलेड टेस्ट की एनालिसिस के दौरान खुलासा किया कि जसप्रीत बुमराह को बहुत ज्यादा आराम दिया जाता है. उन्होंने बताया कि पिछले 3 साल में भारत ने जीतने भी मुकाबले खेले हैं, बुमराह ने उसके सिर्फ एक तिहाई मैचों में हिस्सा लिया. उन्होंने भारत के लिए सिर्फ 34 प्रतिशत मुकाबले खेले, जबकि वह भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं. उन्होंने सुनील गावस्कर का समर्थन करते हुए कहा कि बुमराह को सीरीज में बचे हुए सभी मुकाबले खेलने चाहिए. यही सीरीज है जो सालों साल याद रखें जाते हैं. इन मौकों के लिए उन्हें इतना आराम दिया जाता है.
मांजरेकर ने इस दौरान उन्होंने चेतावनी भी दी. उनके मुताबिक, टीम इंडिया उन पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है, जिसका नुकसान हो सकता है. कहा कि मोहम्मद शमी भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे हैं. हालांकि, कई बार उन्होंने बुमराह को भी पीछे छोड़ दिया, जबकि सिराज टीम के तीसरे पेसर के तौर पर खेलते रहे हैं. अब समय है कि मैनेजमेंट बुमराह का विकल्प तलाश करे.
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मांजरेकर ने कहा कि जब बुमराह अटैक पर नहीं हो तो टीम के बाकी दो तेज गेंदबाज भी उतने ही असरदार होने चाहिए, जिसकी एडिलेड में कमी दिखी. अगर जल्दी ऐसा नहीं किया गया तो टीम का 90 के दशक जैसा हाल हो जाएगा. एक गेंदबाज के हटते ही विरोधी टीम हावी हो जाएगी.
क्या वाकई में बुमराह पर ज्यादा निर्भर है भारत?
संजय मांजरेकर की बातों में कहीं ना कहीं सच्चाई दिखती है. भारतीय टीम जसप्रीत बुमराह पर काफी ज्यादा निर्भर लग रही है. उन पर ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने और ओवर डालने का प्रेशर है. पिछले 6 में से 5 टेस्ट मैच वह खेल चुके हैं. उन्हें सिर्फ मुंबई टेस्ट में आराम दिया गया था. वहीं पर्थ में उनकी घातक गेंदबाजी से टीम इंडिया ने 295 रन से जीत हासिल की. वहीं एडिलेड टेस्ट के दौरान वह एक तरफ से दबाव बनाने और विकेट चटकाने में कामयाब रहे. लेकिन दूसरी छोर से हर्षित राणा और सिराज का साथ नहीं मिला, जिसका नतीजा रहा कि टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा.