संजू सैमसन की नजर भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने पर. (फोटो- pti)
टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन के लिए हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई टी20 सीरीज काफी खास रही. उन्होंने इस सीरीज के दौरान अपने टी20 करियर का पहला शतक जड़ा. वह अब रणजी ट्रॉफी के दूसरे दौर में केरल की टीम के लिए खेलते हुए नजर आएंगे. 18 अक्टूबर से इस मुकाबले की शुरुआत होगी, जिसमें उनकी टीम का सामना कर्नाटक में होगा. इसी बीच उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने पर बड़ा बयान दिया है.
संजू सैमसन की नजर भारतीय टेस्ट टीम पर
संजू सैमसन ने टीम इंडिया के लिए अभी तक वनडे और टी20 फॉर्मेट में ही खेला है. लेकिन अब उनकी नजर टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाने पर है. संजू सैमसन का कहना है कि उनका लक्ष्य भारत के लिए सभी फॉर्मेट का खिलाड़ी बनना है. इसके साथ-साथ उन्होंने टीम इंडिया के लीडरशिप ग्रुप से हुए बातचीत के बारे में भी खुलासा किया है.
संजू सैमसन ने किया बड़ा खुलासा
संजू सैमसन ने तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरे पास लाल गेंद के क्रिकेट में सफल होने के लिए कौशल है और मैं खुद को सिर्फ सफेद गेंद के क्रिकेट तक सीमित नहीं रखना चाहता. मेरी इच्छा भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने की है. दलीप ट्रॉफी से पहले, लीडरशिप ग्रुप ने मुझे बताया था कि वे लाल गेंद के क्रिकेट के लिए मेरे बारे में विचार कर रहे हैं और मुझसे इसे गंभीरता से लेने और ज्यादा से ज्यादा रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिए कहा था.’
संजू सैमसन ने आगे कहा, ‘इस बार मेरी तैयारी अच्छी रही. श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के बाद मैंने आरआर अकादमी में राहुल द्रविड़ सर और जुबिन भरूचा के साथ ट्रेनिंग की और अपने खेल पर काम किया. दुलीप ट्रॉफी में शतक ने मुझे काफी आत्मविश्वास दिया है, क्योंकि यह देश के कुछ बेहतरीन गेंदबाजों के खिलाफ आया था.’
पिछले रणजी सीजन में रहे थे फ्लॉप
संजू सैमसन रणजी ट्रॉफी के पिछले सीजन में फ्लॉप रहे थे. वह 4 मैचों में 35.40 के औसत से सिर्फ 177 रन ही बना सके थे. ऐसे में संजू सैमसन इस बार रेड बॉल क्रिकेट में अपने खेल को सुधारना चाहेंगे. हालांकि, उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान दलीप ट्रॉफी में अपनी छाप छोड़ी थी. उन्होंने श्रेयस अय्यर की कप्तानी वाली इंडिया डी के लिए 101 गेंद में 106 रन की पारी खेली थी. संजू सैमसन ने सेंचुरी बनाने के लिए महज 94 गेंदों का सामना किया था. उन्होंने करीब 5 साल के बाद फर्स्ट क्लास में शतक लगाया था.