Rolls-Royce कारों को नहीं मिलती सेफ्टी रेटिंग, क्यों नहीं होता इनका क्रैश टेस्ट?

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Rolls-Royce कारों का क्यों नहीं होता क्रैश टेस्ट? ये है सीक्रेट

Rolls-Royce कारों का क्रैश टेस्ट नहीं होता है.Image Credit source: Bing AI

Rolls-Royce Car Crash Test: आपने अक्सर सुना होगा कि कार खरीदने से पहले उसकी सेफ्टी रेटिंग देखनी बहुत जरूरी है. हर साल कई कारें क्रैश टेस्ट से गुजरती हैं और उनकी सेफ्टी को लेकर रेटिंग दी जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया की सबसे महंगी कार बनाने वाली कंपनी रोल्स-रॉयस की लग्जरी कारों की सेफ्टी रेटिंग क्यों नहीं होती? आखिर क्यों इन कारों का क्रैश टेस्ट नहीं किया जाता? यह सवाल कई लोगों के मन में उठता है. आइए जानते हैं इस रहस्य के पीछे की वजह क्या है.

रोल्स-रॉयस कारें अपने यूनीक डिजाइन, शानदार इंटीरियर और हाई-क्वालिटी लग्जरी के लिए जानी जाती हैं. ये कारें दुनिया के सबसे अमीर लोगों की पसंद होती हैं. लेकिन जब बात सुरक्षा की आती है तो इन कारों के बारे में एक बड़ा सवाल उठता है कि आखिर इनका क्रैश टेस्ट क्यों नहीं होता? अन्य कार कंपनियां अपनी कारों की सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर होती हैं और अपनी कारों का क्रैश टेस्ट करवाती हैं.

ग्लोबल एनसीएपी एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन (एनजीओ) है, जहां कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है. इसके अलावा इंडिया में भी भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट से गुजरने वाली कारों को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है.

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क्यों नहीं होता रोल्स-रॉयस कारों का क्रैश टेस्ट?

कस्टमाइजेशन: रोल्स-रॉयस कारें पूरी तरह से ग्राहक की पसंद के अनुसार बनाई जाती हैं. हर कार एक-दूसरे से अलग होती है. अगर हर कार का क्रैश टेस्ट किया जाए तो कंपनी को बहुत सारी कारें बनानी पड़ेंगी, जो कि बहुत महंगा होगा.

लो प्रोडक्शन: रोल्स-रॉयस बहुत कम संख्या में कारें बनाती है. अन्य कार कंपनियों के मुकाबले इनकी प्रोडक्शन संख्या बहुत कम होती है. इसलिए हर कार का क्रैश टेस्ट करना समझदारी नहीं है.

सेफ्टी पर पूरा ध्यान: रोल्स-रॉयस अपनी कारों की सेफ्टी को लेकर बहुत गंभीर है. कंपनी अपनी कारों में सबसे अच्छी क्वालिटी के मैटेरियल का इस्तेमाल करती है और उन्हें कई तरह के टेस्ट से गुजारा जाता है, लेकिन किसी एजेंसी से क्रैश टेस्ट नहीं होता है.

ब्रांड इमेज: रोल्स-रॉयस एक लग्जरी ब्रांड है और कंपनी अपनी कारों को सबसे सुरक्षित बताती है. क्रैश टेस्ट में कार को नुकसान पहुंचने से ब्रांड इमेज पर बुरा असर पड़ सकता है.

क्रैश टेस्ट और रोल्स-रॉयस के सेफ्टी फीचर्स

क्रैश टेस्ट करने के लिए कम से कम चार कार चाहिए. कार की मजबूती चेक करने के लिए कार पर आगे-पीछे और दोनों साइड से जबरदस्त टक्कर मारी जाती है, तब जाकर किसी कार को सेफ्टी रेटिंग मिलती है. मगर रोल्स-रॉयस की कार की कीमत करोड़ों में होती है. एक रोल्स-रॉयस कार के क्रैश टेस्ट के लिए भी उसके जैसी चार कार लानी होंगी, ऐसा करना बहुत ज्यादा महंगा हो जाएगा.

कस्टमाइजेशन की वजह से भी एक ग्राहक के लिए उसकी खास पसंद की कार तैयार की जाती है. इसलिए कस्टमाइज्ड कारों की टेस्टिंग करना मुश्किल काम है. रोल्स रॉयस में एक्टिव क्रूज कंट्रोल, नाइट विजन और कोलिजन वार्निंग जैसे सेफ्टी फीचर्स मिलते हैं.



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