भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने UPI Lite के ट्रांज़ैक्शन लिमिट को ₹500 से बढ़ाकर ₹1000 कर दिया है। इसके साथ ही UPI Lite वॉलेट की सीमा भी ₹2,000 से बढ़ाकर ₹5,000 कर दी गई है। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन को और भी अधिक सुलभ बनाना है। RBI ने UPI 123Pay के लिए भी ट्रांज़ैक्शन लिमिट को ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया है।
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि UPI ने भारत की वित्तीय प्रणाली को अधिक समावेशी बनाया है और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ये बदलाव किए जा रहे हैं। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से कम मूल्य के डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी होगी और नकद का उपयोग कम हो सकता है।
इसके अलावा, RBI ने RTGS और NEFT सिस्टम के लिए भी बेनिफिशियरी अकाउंट नाम देखने की सुविधा शुरू की है, जो पहले से ही UPI और IMPS के लिए उपलब्ध है। इस सुविधा का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को लेनदेन करने से पहले प्राप्तकर्ता के नाम की पुष्टि करने की सुविधा देना है, जिससे गलतियों और धोखाधड़ी के जोखिम को कम किया जा सके।
मौद्रिक नीति वक्तव्य में, RBI ने यह भी घोषणा की है कि अब UPI के माध्यम से कर भुगतान की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है, जिससे करदाताओं को अधिक सुविधा होगी।
हालांकि, मौद्रिक नीति समिति ने यह भी बताया कि खाद्य कीमतों का दबाव मुद्रास्फीति की दिशा में चुनौती बना हुआ है। समिति ने 5-1 के बहुमत से रेपो दर को 6.5% पर स्थिर रखने का निर्णय लिया है, ताकि मुद्रास्फीति को 4% के लक्ष्य तक लाया जा सके और आर्थिक विकास को समर्थन मिलता रहे।
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