केंद्र ने अपने सभी विभागों से पेंशनभोगियों की शिकायतों का 21 दिनों के भीतर निवारण करने का प्रयास करने को कहा है। बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में शिकायतों के निवारण में अधिक समय लगता है, वहां अंतरिम जवाब दिया जा सकता है। केंद्र सरकार ने अपने पेंशनभोगियों की शिकायत निवारण प्रणाली, यानी केंद्रीकृत पेंशन शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीईएनजीआरएएमएस), पोर्टल की समीक्षा के बाद व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं।
मंत्रालय ने क्या कहा
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दिशानिर्देशों में शिकायतों के शीघ्र और कुशल निवारण की परिकल्पना की गई है। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों की शिकायतों से निपटने के लिए व्यापक दिशा-निर्देशों में से एक मुख्य अंश के मुताबिक, “मंत्रालयों/विभागों को पेंशनभोगियों की शिकायतों का 21 दिनों के भीतर निवारण करने का प्रयास करना चाहिए। जिन मामलों में शिकायतों के निवारण में अधिक समय लगता है, वहां पोर्टल पर अंतरिम उत्तर दिया जा सकता है।”
इसमें कहा गया है कि शिकायत का निवारण ‘संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण’ के तहत किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि किसी भी मामले में शिकायत को यह कहकर बंद नहीं किया जाएगा कि “यह इस कार्यालय से संबंधित नहीं है”। इसमें कहा गया है कि शिकायत को उसके निर्णायक निवारण के बिना बंद नहीं किया जाएगा और शिकायत को बंद करते समय कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) को सहायक सूचना और दस्तावेज के साथ भरा जाना चाहिए।
बयान में कहा, “मंत्रालय/विभाग पोर्टल पर लंबित पेंशन संबंधी शिकायतों की मासिक समीक्षा करेंगे ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निवारण सुनिश्चित किया जा सके।” इसमें कहा गया है कि नोडल लोक शिकायत अधिकारियों को शिकायतों की प्रवृत्ति का विश्लेषण करने तथा शिकायतों की घटनाओं की जांच के लिए मूल कारण विश्लेषण करने के लिए कहा गया है।
30 दिनों के भीतर निपटारा
दिशानिर्देशों के अनुसार, आवेदक अपनी शिकायत के निवारण के विरुद्ध शिकायत बंद होने के 30 दिनों के भीतर अपील दायर कर सकता है और अपीलीय प्राधिकारी द्वारा 30 दिनों के भीतर उसका निपटारा किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि यदि कोई प्रासंगिक दस्तावेज हों तो उन्हें संलग्न करते हुए एक आदेश पारित किया जाएगा।