इलेक्ट्रिक ही मोबिलिटी का भविष्य
News9 Global Summit Germany Edition:भविष्य में आप किस गाड़ी से सफर करेंगे, किस तरह की गाड़ियां दुनिया में उपलब्ध होंगी, क्या इलेक्ट्रिक व्हीकल के आगे भी दुनिया के पास कोई और प्लान है, और क्या बैटरी की टेक्नोलॉजी में भी बड़ा बदलाव आने वाला है? इन सभी सवालों के जवाब आज मोबिलिटी इंडस्ट्री के लीडर्स ने देश के सबसे बड़े न्यूज नेटवर्क TV9 के News9 Global Summit में दिए.
समिट के दौरान Future Of Mobility: Co-Driving the Agenda सेशन में मर्सडीज-बेंज इंडिया के एमडी और सीईओ संतोष अय्यर, बॉश एसडीएस के सीईओ देवाशीष बिसोई, टाटा मोटर्स के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर शुभ्रांशु सिंह और पोर्शे के कंसल्टिंग सीनियर पार्टनर हैगेन रोडोव्स्की ने शिरकत की.
इलेक्ट्रिक ही मोबिलिटी का भविष्य
इस चर्चा के दौरान शुभ्रांशु सिंह ने कहा कि टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री जिस तरह से मूव कर रही है, उसके हिसाब से अभी निकट भविष्य में मोबिलिटी का फ्यूचर इलेक्ट्रिक है. इसे लेकर एक इकोसिस्टम बनने लगा है. जबकि मर्सडीज बेंज के संतोष अय्यर ने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अभी फ्यूचर इलेक्ट्रिसिटी का ही है, हालांकि फ्यूचर क्या होगा इसे लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है.
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उन्होंने एक बात जोड़ी कि कस्टमर्स के बीच अब इलेक्ट्रिक मोटर्स को लेकर कॉन्फिडेंस बढ़ रहा है, क्योंकि एनवायरमेंट को ठीक करने में उनका कुछ कंट्रीब्यूशन है, इस बात की भावना उनके अंदर आने लगी है.
क्या एआई से संभव है ड्राइवरलैस कार?
एआई आने वाले समय में क्या ड्राइवरलैस कार को सच बना देगा? इस बात का जवाब हैगेन रोडोव्स्की ने दिया. वह बोले ये काफी हद तक संभव है. लेकिन अभी कंपनियां इससे बचती सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि अभी दुनियाभर की सड़कों पर मिक्स ट्रैफिक देखने को मिलता है. वहीं गाड़ियों की कॉस्ट में कमी लाने की बात पर देवाशीष बिसोई ने कहा कि कॉस्ट में कमी लाने के कई पहलू हैं. इसमें सेफ्टी, समय और टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका है. ऐसे में इनमें से किसी भी एक फैक्टर को कम करके कॉस्ट में कमी नहीं लाई जा सकती है.
भारत को बैटरी रिसर्च पर फोकस करने की जरूरत
समिट के दौरान Unicorn Today, MNC Tomorrow सबजेक्ट पर टीसीजी के चेयरमैन पुरेंदु चटर्जी ने कहा कि अगर स्टार्टअप को आगे बढ़ना है, तो उन्हें ये देखना होगा कि भविष्य का बिजनेस कहां है. इसके लिए उन्होंने अमेरिका के शेयर मार्केट के कैपिटलाइजेशन में आई उल्लेखनीय वृद्धि का जिक्र किया. इतना ही नहीं भारत के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि यहां रिसर्च और डेवलपमेंट के मामले में बहुत फोकस करने की जरूरत है.
उन्होंने बोला आज आधार और यूपीआई के अलावा ऐसा कोई भारतीय प्रोडक्ट नहीं है, जो इंटरनेशनली काम के लायक हो. इसलिए भारत में स्टार्टअप्स को रिसर्च पर फोकस करने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि अभी हम सोडियम आयन बैटरी के बिलकुल स्टार्टिंग पॉइंट पर हैं. ऐसे में भारत की कंपनियां यहां भविष्य के लिए बड़ा योगदान कर सकती हैं.