Motorola Edge 50 Neo और Vivo T3 Pro के बीच हमारे परफॉर्मेंस और बैटरी तुलना के बाद जहां वीवो टी3 प्रो अपने प्रतिद्वंद्वी से बेहतर साबित हुआ। वहीं, आज हम आपके लिए दोनों के बीच कैमरा कंपैरिजन लेकर आए हैं।
Motorola Edge 50 Neo में क्वालकॉम स्पेक्ट्रा 12-बिट ट्रिपल आईएसपी के साथ जोड़ा गया 50MP सोनी LYTIA 700C सेंसर का इस्तेमाल किया गया है। जबकि वीवो टी3 प्रो में सोनी का IMX882 50MP सेंसर इस्तेमाल किया गया है जिसे मीडियाटेक इमेजिक 950 12-बिट HDR-ISP के साथ जोड़ा गया है। चूंकि वीवो टी3 प्रो में टेलीफोटो लेंस नहीं है, इसलिए हम इस तुलना में जूम शॉट्स को शामिल नहीं करेंगे।
मोटोरोला एज 50 नियो की कीमत 22,999 रुपये है, जबकि वीवो टी3 प्रो देश में 24,999 रुपये में उपलब्ध है।
डे-लाइट
मोटोरोला एज 50 नियो और वीवो टी3 प्रो दोनों ही OIS के साथ 50MP के प्राइमरी सेंसर से लैस हैं। हालांकि उनका सेंसर अलग है, क्योंकि एज 50 नियो में सोनी LYTIA 700C का इस्तेमाल किया गया है, जबकि वीवो टी3 प्रो में सोनी IMX882 सेंसर है।
वीवो टी3 प्रो ने ज्यादा रोशनी कैप्चर की और इसलिए इमेज में कम नॉइज है। मोटो की प्रोसेसिंग ने कंट्रास्ट को थोड़ा बढ़ा दिया है। जिससे इमेज ज्यादा डार्क और अननेचुरल हो गई है। इसके अलावा वीवो द्वारा कैप्चर किए गए साइनबोर्ड ज्यादा विस्तृत हैं।
इसके विपरीत, एज 50 नियो में देखने का क्षेत्र व्यापक है और ग्राउंड टाइल्स में अधिक विवरण भी बरकरार रखता है। थोड़े कंट्रास्ट टचअप के साथ मोटो ने प्रकाश स्रोतों के चारों ओर ब्लूम को प्रबंधित करने में बेहतर काम किया है। चूंकि वीवो टी3 प्रो ने कई पहलुओं में बेहतर प्रदर्शन किया है इसलिए यह विजेता के रूप में सामने आता है।
विजेता: Vivo T3 Pro
अल्ट्रावाइड
अल्ट्रावाइड लेंस पर स्विच करने पर दोनों फोन ने रंग स्थिरता बनाए रखने का अच्छा काम किया है, लेकिन वीवो टी3 प्रो के 8MP सेंसर ने थोड़ा बेहतर काम किया है। आश्चर्यजनक रूप से मोटो एज 50 नियो पर 13MP सेंसर ने अल्ट्रावाइड शॉट पर अत्यधिक कंट्रास्ट और नाटकीय लुक लागू नहीं किया है। जिससे यह नार्मल शॉट की तुलना में अधिक आकर्षक हो गया है। मोटोरोला एज 50 नियो पर हाई मेगापिक्सेल सेंसर इमेज में नॉइज के साथ डिटेल्स बनाए रखता है, जिसे ग्राउंड टाइल्स और बिल्डिंग पैनल पर देखा जा सकता है।
वीवो टी3 प्रो में ज्यादा चमक वाले रंग हैं, लेकिन मोटोरोला की इमेज में नीला आसमान ज्यादा प्रमुख दिखता है, जिसमें डेप्थ है। इसके अनुसार मोटो फोन को ज्यादा आगे रखा जा सकता है।
विजेता: Motorola Edge 50 Neo
पोर्ट्रेट
कैप्चर किए गए पोर्ट्रेट में से कोई भी रियल नहीं दिखता है, क्योंकि मोटो की ज्यादा कंट्रास्ट वाली इमेज ने छवि को गहरा बना दिया है और इसी तरह ओब्जेट की स्किन टोन का रंग भी है। इसके विपरीत वीवो टी3 प्रो ने ब्राइटनेस को बढ़ाया है, जिससे ओब्जेट की स्किन टोन नेचुरल से कम है।
मोटोरोला एज 50 नियो पर ओब्जेट की पोशाक सहित अन्य तत्वों की एचडीआर प्रोसेसिंग और रंग सटीकता बेहतर है। वीवो टी3 प्रो ने आकाश को ओवरएक्सपोज किया और कलर्स को कृत्रिम रूप से बढ़ाया है जो रियल से बहुत दूर है।
वीवो टी3 प्रो ने एज डिटेक्शन और सब्जेक्ट को बैकग्राउंड से अलग करने में बेहतर काम किया है। हालांकि, सब्जेक्ट के चेहरे पर शार्पनेस और डिटेलिंग को मोटो ने बेहतर किया है।
विजेता: Motorola Edge 50 Neo
सेल्फी
मोटो एज 50 नियो के सेल्फी कैमरे में रियर कैमरे की तरह ही व्यापक फील्ड ऑफ व्यू है। हमने जो तस्वीरें क्लिक कीं, उनमें बैकग्राउंड और सब्जेक्ट के पहनावे में नेचुरल कलर थे। मोटोरोला एज 50 नियो एचडीआर प्रोसेसिंग को अच्छी तरह से हैंडल करता है, जिसमें कम शोर और अधिक विस्तृत तस्वीरें मिलती हैं।
वीवो टी3 प्रो ने आर्टिफिशियली कलर्स, ब्राइटनेस को बढ़ाया और थोड़ा पंच जोड़ने के लिए वाइब्रेंसी को बढ़ाया है। वीवो पर बैकग्राउंड और सब्जेक्ट सेपरेशन ज्यादा प्रमुख है। हालांकि, वीवो पर क्लिक की गई तस्वीरों में थोड़ी स्किन स्मूथिंग देखी जा सकती है और इन तस्वीरों में शार्पनेस भी बढ़ी है।
विजेता: Motorola Edge 50 Neo
लो लाइट
बिना किसी नाइट मोड के मोटो एज 50 नियो से ली गई कम रोशनी वाली तस्वीरें बेहद कठोर प्रकाश स्रोतों को संभालने में संघर्ष करती हैं, जैसा कि खंभे पर गिरते हलोजन से देखा जा सकता है। मोटोरोला एज 50 नियो ने एचडीआर प्रोसेसिंग में बेहतर काम किया है लाइट पोल के पास ब्लूम को नियंत्रित किया है। जहां छाया है वहां न्यूनतम नॉइज के साथ विवरण बेहतर बनाए रखा जाता है और कलर अपने प्रतिद्वंद्वी की तुलना में सटीक है।
वीवो टी3 प्रो पर 16MP सेंसर कम रोशनी में डिटेल्स को बनाए रखने में संघर्ष करता है वीवो की प्रोसेसिंग ने इमेज की चमक को खराब तरीके से बढ़ाया है, जैसा कि दाईं ओर के ग्लास पैनल और उनके सामने लगे पौधों के माध्यम से देखा जा सकता है। इसके अलावा लाइट पोल के चारों ओर नियॉन ब्लीडिंग देखी जा सकती है।
विजेता: Motorola Edge 50 Neo
नाइट मोड
जब नाइट मोड ऑन होता है तो मोटो की इमेज एक जैसी ही रहती है, सिवाय इसके कि प्रकाश स्रोतों के चारों ओर ब्लूम को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जाता है।
नाइट मोड के साथ वीवो टी3 प्रो के जरिए कैप्चर की गई तस्वीर की चमक बहुत बेहतर और समान रूप से फैली हुई है, क्योंकि बाईं ओर के पेड़ ठीक से दिख रहे हैं। हालांकि स्रोतों के आसपास एक्सपोजर नियंत्रण अब कम रोशनी वाले मोड की तुलना में खराब है और कैप्चर किए गए विवरणों में कोई सुधार नहीं है। पूरी तस्वीर में एलईडी लाइट्स की वजह से गर्म टोन छाया हुआ है।
Winner: टाई
निष्कर्ष
मोटोरोला एज 50 नियो और वीवो टी3 प्रो के बीच हमारे कैमरा तुलना के अंतिम निर्णय पर एक नजर डालते हैं।
Scenario
Winner
Daylight
Vivo T3 Pro
Ultrawide
Motorola Edge 50 Neo
Portrait
Motorola Edge 50 Neo
Selfie
Motorola Edge 50 Neo
Low light
Motorola Edge 50 Neo
Night mode
Tie
मोटोरोला एज 50 नियो एक अतिरिक्त टेलीफोटो लेंस, हाई रिजॉल्यूशन अल्ट्रावाइड और फ्रंट कैमरा के साथ बेहतर ऑन-पेपर स्पेक्स प्रदान करता है। यह तकनीकी लाभ हमारी तुलनाओं में भी देखा गया है क्योंकि एज 50 नियो ने अधिक डिटेल्स और कम नॉइज के साथ कम रोशनी में बेहतर प्रदर्शन किया है।
वीवो टी3 प्रो ने वाइब्रेंट और अच्छी तस्वीरों के साथ दिन के उजाले में एचडीआर शॉट्स में अच्छा किया है। अगर रंग सटीकता को अलग रखा जाए तो टी3 प्रो के पोर्ट्रेट सोशल मीडिया के अधिक अनुकूल हैं।
संक्षेप में आप इनमें से किसी भी डिवाइस से निराश नहीं होंगे क्योंकि ये दोनों ही अच्छे हैं, लेकिन यदि आप टेलीफोटो के शौकीन हैं, तो मोटोरोला एज 50 नियो आपके लिए एक बेहतरीन डिवाइस है।
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