AI से बढ़ेगी रोड सेफ्टी.Image Credit source: NHAI
Road Safety in India: भारत में रोड एक्सीडेंट की वजह से रोजाना सैकड़ों मौतें होती हैं. ट्रक की टक्कर लगने से भी कई लोगों की जान जाती है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) मद्रास ने एक ऐसी ही टेक्नोलॉजी बनाई है, जो ट्रक एक्सीडेंट रोकने में मदद करेगी. यह टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए काम करती है, और देश के हाईवे-एक्सप्रेसवे को सेफ बनाने में अहम भूमिका निभाएगी.
आईआईटी मद्रास ने AI एप्लिकेशन डेवलप की है, जिसे ट्रक ड्राइवर्स के लिए पेश किया जाएगा. इसके जरिए उनकी ट्रक चलाने की आदत के तहत सेफ्टी और एनर्जी एफिशियंसी को परखा जाएगा. ट्रक ड्राइविंग की आदत पर नजर रखने वाली ये खास एआई ऐप रोड पर ट्रक एक्सीडेंट को रोकने में मदद कर सकती है.
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ऐसे काम करेगा नया AI ऐप
यह मोबाइल एप्लिकेशन जरूरत पड़ने पर ड्राइवर्स को आगाह भी करती है. रोड की स्थिति को देखते हुए अगर ट्रक ड्राइवर गलत तरीके से ड्राइविंग करता है, तो ये ऐप ड्राइवर को अलर्ट भेजेगा. इसमें उन डीजल ट्रकों के ड्राइवर्स को शामिल किया जाएगा जो हर महीने कम से कम 4,000 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करते हैं.
100% जीरो एमिशन ट्रक का लक्ष्य
@iitmadras , through its Centre of Excellence for Zero Emission Trucking (#CoEZET), has launched two major initiatives toward achieving 100% Zero Emission Truck (ZET) penetration by 2050!
Driver Rating App (DRA): AI-powered app for safe and efficient driving.
Project pic.twitter.com/b3aB8k681Y— IIT Madras (@iitmadras) December 9, 2024
इलेक्ट्रिक ट्रक पर जोर
वी कामकोटि ने आगे कहा कहा कि सभी गाड़ियों में ट्रक केवल 5 फीसदी हैं, लेकिन वे लगभग 65 फीसदी डीजल की खपत करते हैं, जिससे काफी पॉल्यूशन होता है और ईंधन की खपत एवं लागत ज्यादा होती है.
उन्होंने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो ट्रक इलेक्ट्रिफिकेशन यानी इलेक्ट्रिक ट्रक के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ काम कर रहे हैं. आईआईटी मद्रास उस नजरअंदाज की कई कम्युनिटी के साथ जुड़ रहा है जो ई-ट्रक को अपनाने में सबसे अहम होने जा रही है.
आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर ने बताया कि भारत की ट्रक इंडस्ट्री तेजी से विकास की रास्ते पर है, और माल ढुलाई रोड-बेस्ड ट्रांसपोर्टेशन का 70 फीसदी हिस्सा है.