फ्रेश शेयर वाला IPO लॉन्चिंग को तैयार, ₹182 है इश्यू प्राइस, चेक करें डिटेल

    0
    14
    फ्रेश शेयर वाला IPO लॉन्चिंग को तैयार, ₹182 है इश्यू प्राइस, चेक करें डिटेल

    Toss The Coin SME IPO: आईपीओ के जरिए शेयर बाजार में एंट्री के लिए एक और कंपनी तैयार है। इस कंपनी का नाम- टॉस द कॉइन है। इस मार्केटिंग कंसल्टिंग कंपनी का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 10 दिसंबर को ओपन हो रहा है। वहीं, इसकी क्लोजिंग 12 दिसंबर को हो जाएगी।

    क्या है प्राइस बैंड

    टॉस द कॉइन के आईपीओ का प्राइस बैंड 172-182 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। यह कंपनी अपने अपर प्राइस बैंड पर 5.04 लाख इक्विटी शेयरों के आईपीओ से 9.17 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। आईपीओ में कंपनी द्वारा पूरी तरह से फ्रेश इश्यू शामिल है। इस SME आईपीओ में खुदरा निवेशक 1,09,200 रुपये मूल्य के न्यूनतम और अधिकतम 600 इक्विटी शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं। बता दें कि खुदरा निवेशकों के लिए आईपीओ में निवेश की सीमा 2 लाख रुपये की है।

    कब होगी लिस्टिंग

    टॉस द कॉइन आईपीओ की लिस्टिंग 17 दिसंबर से बीएसई SME पर होगी। आईपीओ का आधा हिस्सा (बाजार निर्माता के हिस्से को छोड़कर) योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए, 35 प्रतिशत खुदरा निवेशकों के लिए और शेष 15 प्रतिशत गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व किया गया है। बीलाइन कैपिटल एडवाइजर्स इस इश्यू के लिए मर्चेंट बैंकर के रूप में काम कर रहा है। बता दें कि पर्पल यूनाइटेड सेल्स, जंगल कैंप्स इंडिया, धनलक्ष्मी क्रॉप साइंस, एमराल्ड टायर मैन्युफैक्चरर्स और निसस फाइनेंस सर्विसेज के बाद चालू महीने में एसएमई सेगमेंट में आईपीओ लॉन्च करने वाली यह छठी कंपनी है।

    कंपनी के बारे में

    चेन्नई स्थित कंपनी टॉस द कॉइन बी2बी तकनीकी संगठनों सहित ग्राहकों को कस्टम मेड मार्केटिंग सर्विसेज प्रोवाइड करती है। इस कंपनी के आईपीओ आय का उपयोग मुख्य रूप से माइक्रोसर्विसेज एप्लिकेशन के डेवलपमेंट, नए कार्यालय खोलने, वर्किंग कैपिटल की जरूरत और शेष सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य के लिए किया जाएगा।

    SME आईपीओ पर प्रस्ताव

    हाल ही में बाजार नियामक सेबी ने SME आईपीओ के लिए आवेदन को लेकर न्यूनतम निवेश सीमा 4 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव किया। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि केवल पर्याप्त जोखिम लेने और निवेश की क्षमता वाले निवेशक ही आवेदन कर सकें। दरअसल, उच्च निवेश सीमा छोटे निवेशकों की भागीदारी को कम करेगी और जोखिम लेने की क्षमता वाले निवेशकों को आकर्षित करेगी। इससे एसएमई कैटेगरी को लेकर भरोसा बढ़ेगा।

    *****