क्या JaGUar से हो गई Tropicana वाली गलती, क्या है कंपनी के नए लॉन्च हुए लोगो की कहानी?

जगुआर और ट्रॉपिकाना के लोगो

ब्रिटिश कार कंपनी जगुआर ने अपना नया लोगो लॉन्च किया है. अभी इस कंपनी का मालिकाना हक टाटा मोटर्स के पास है और कंपनी जल्द ही खुद को पूरी तरह से एक लग्जरी इलेक्ट्रिक कार कंपनी बनाने के लिए काम कर रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने अपनी नई ब्रांडिंग इमेज शेयर की है. लेकिन उसे अपनी इस री-ब्रांडिंग के लिए सोशल प्लेटफॉर्म्स पर लोगों से काफी निगेटिव रिएक्शन मिल रहा है. यहां तक कि टेस्ला के फाउंडर एलन मस्क ने भी Jaguar के New Logo को लेकर ‘X’ पर मजे लिए हैं. ऐसे में क्या कंपनी से वैसी ही गलती हुई है जैसी PepsiCo से Tropicana Juice के कैंपेन में हुई थी. क्या है जगुआर के नए लोगो की पूरी कहानी?

जगुआर ने करीब 2 साल पहले ये ऐलान किया था कि वह 2026 से पूरी तरह से सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचेगी. अब जब कंपनी 2 दिसंबर को ‘मियामी आर्ट वीक’ में अपनी नई कारों के लाइनअप की झलक पेश करने जा रही है, तो उसने अपने इस नए लोगो को पेश किया है. नए लोगो की खास बात ये है कि ये पिछले लोगों की तरह टाइप फॉन्ट में ना होकर काफी कर्व शेप में है. साथ ही इसे अंग्रेजी के कैपिटल और स्मॉल लेटर्स को मिलाकर JaGUar के रूप में लिखा गया है, जिसे पढ़ने पर ये बेहद सीमलेस दिखता है.

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Jaguar New Two

पहले ऐसा दिखता था जगुआर का लोगो

एलन मस्क ने लिए जगुआर के मजे

जगुआर की ओर से नई ब्रांडिंग को लेकर एक वीडियो रिलीज किया गया है. इस पर ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने मजे लेते हुए पूछा है, ” क्या आप कार बेचते हैं?’ असल में जो वीडियो लॉन्च किया गया है वह किसी फैशन शो के प्रोमो की तरह दिखता है. इसलिए एलन मस्क ने ये सवाल किया है. हालांकि जगुआर की ओर से कहा गया है कि उसका नया लोगो उसकी बदली हुई सोच को दिखाता है.

क्या कहता है जगुआर का नया लोगो?

अगर आप जगुआर के लोगो और उसके नए वीडियो के असली मायने को समझने की कोशिश करेंगे, तो पाएंगे कि ये काफी इंक्लूसिव है. जैसे इसमें अंग्रेजी के छोटे बड़े अक्षरों को शामिल किया गया है, उससे ये बात साफ होती है. वहीं ये कर्व शेप में हैं, जो इलेक्ट्रिक व्हीकल की मदद से प्रकृति की तरफ काफी नरम रुख रखने की ओर इशारा करता है.

Jaguar New One

कंपनी ने बदली है ब्रांड आइडेंटिटी

इतना ही नहीं, इसके लिए जिस वीडियो को कंपनी ने लॉन्च किया है. उसमें आपका श्वेत और अश्वेत लोगों के साथ महिला और पुरुष की भागीदारी दिखेगी. साथ ही LGBTQ+ अथवा शारीरिक बनावट जैसे कि मोटे या पतले होने के आधार पर भेदभाव को मिटाने का संदेश भी इस वीडियो में है. वहीं इसमें लोगों को रंगीन कपड़े पहने दिखाया गया है, जो इंक्लूसिविटी की ओर इशारा करता है.

बदलती दुनिया में इस समय दुनिया के अधिकतर हिस्सों में इंक्लूसिविटी और सस्टेनबिलिटी को बढ़ावा देने की कोशिशें हो रही हैं. जगुआर अपनी नई ब्रांडिंग से इसे दिखाने में सफल रही है. वहीं ये कंपनी के री-ब्रांडिंग कैंपेन का एक हिस्सा भर हो सकता है. फिर भी ये इस पूरे कैंपेन का एक पहलू है.

क्या कंपनी ने की Tropicana वाली गलती?

जगुआर की इस रीब्रांडिंग को 2009 में पेप्सिको के ट्रॉपिकाना की रीब्रांडिंग वाली गलती से जोड़कर देखा जा रहा है. कई बार किसी कंपनी की आइडेंटिटी कस्टमर्स को रास नहीं आती और ये कंपनी को भारी पड़ती है. जैसे 2009 में पेप्सिको ने अपने फेमस जूस ब्रांड ट्रॉपिकाना के पैक को नया लुक दिया और इसके लिए एड कैंपेन भी चलाया. इस पर कंपनी ने 5 करोड़ डॉलर का खर्चा किया, लेकिन कस्टमर्स को ये पसंद नहीं आया और 2 महीने में कंपनी की सेल 20 प्रतिशत तक गिर गई. फिर कंपनी को अपना लोगो और पैक डिजाइन बदलकर फिर से पुराना करना पड़ा.

Tropicana Mistake

जब ट्रॉपिकाना ने बदले अपने पैक

दरअसल कंपनी के पुराने पैकेज में ट्रॉपिकाना बीचों बीच विजिबल होता था और जूस की जगह एक संतरा स्ट्रॉ के साथ बना होता था. नए पैक में कंपनी ने संतरा गायब करके जूस के गिलास को दिखाया और अपने ट्रॉपिकाना लोगो को भी साइड में कर दिया. कस्टमर्स को ये लुक पसंद ही नहीं आया.



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