जेसीबी का बैकहो लोडर (बुलडोजर)Image Credit source: JCB
भारत में जेसीबी का मतलब बुलडोजर ही होता है. बहुत से लोगों को ये बात पता ही नहीं है कि जेसीबी एक कंपनी है, जो बुलडोजर जैसे कई अर्थ मूविंग और कंस्ट्रक्शन मशीनों का निर्माण करती है. ये तो हुई आज की बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब करीब 80 साल पहले जेसीबी कंपनी की शुरुआत हुई थी, तब वह क्या बनाया करती थी?
अगर आपको लगता है कि जेसीबी कोई हिंदुस्तानी कंपनी है, तो सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि ये ब्रिटेन की एक कंपनी है. हालांकि भारत में उसका व्यापार इतना बड़ा है कि वह ब्रिटेन के बाहर उसके सबसे बड़े कारोबार और हब में से एक है.
80 साल पहले करती थी ये काम
जेसीबी कंपनी की शुरुआत 1945 में हुई थी. इसे जोसेफ सिरिल बाम्फोर्ड ने शुरू किया था और उनके नाम के पहले अक्षरों को मिलाकर ही कंपनी का नाम जेसीबी पड़ा. कंपनी ने जब अपनी शुरुआत की थी, तब वह एग्रीकल्चर टिपिंग ट्रेलर्स यानी ट्रैक्टर में पीछे लगाई जाने वाली ट्रॉली बनाया करती थी.
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कंपनी यहीं नहीं रुकी और लगातार इनोवेशन करती रही. इस तरह ने अर्थ मूविंग इक्विमेंट सेक्टर में एंट्री की. कंपनी ने 1952 में ही अपना पहला बैकहो लोडर बना लिया था. इस मशीन को ही आम लोग ‘बुलडोजर’ के नाम से जानते हैं.
कितना बड़ा है जेसीबी का कारोबार?
जेसीबी ने 1952 में जब पहला बुलडोजर बनाया, तब से अब तक वह लगातार ग्रोथ करते हुए आज एक ग्लोबल ब्रांड बन चुकी है. कंपनी के आज दुनियाभर में 22 से ज्यादा प्लांट हैं और 750 से ज्यादा डीलर्स के साथ कंपनी हर तरह के अर्थ मूविंग इक्विपमेंट टूल बनाने का काम करती है. हालांकि उसकी पहचान बुलडोजर के तौर पर ही है और भारत में उसका सबसे बड़ा सेंटर दिल्ली के नजदीक वल्लभगढ़ में है.
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भारत में हाल फिलहाल में बुलडोजर काफी पॉपुलर रहा है. बुलडोजर का इस्तेमाल कमर्शियल की जगह आजकल राजनीति में भी हो रहा है. उत्तर प्रदेश के बाद कई अलग-अलग राज्यों में लोगों के घरों का काम-तमाम करने में इसका उपयोग किया गया. इस पर हाल में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सख्त आदेश दिए हैं.