बॉलर ऑस्ट्रेलिया का चोटिल हुआ, टेंशन टीम इंडिया की बढ़ गई! खबर अच्छी नहीं है

बॉलर ऑस्ट्रेलिया का चोटिल हुआ, टेंशन टीम इंडिया की बढ़ गई! खबर अच्छी नहीं है

दूसरा टेस्ट मैच एडिलेड में खेला जाना है.Image Credit source: PTI

ऐसा बहुत कम होता है जब ऑस्ट्रेलिया को अपने होम सीजन के पहले ही टेस्ट में कोई टीम 295 रन के बड़े अंतर से हरा दे. टीम इंडिया ने ये कर दिखाया और पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त दी. इस जीत ने टीम इंडिया को सीरीज में बढ़त दिलाई लेकिन अब दूसरे टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया को नई टेंशन मिल गई है. इस टेंशन की वजह ऑस्ट्रेलियाई टीम है, जिसके स्टार तेज गेंदबाज जॉश हेजलवुड चोटिल हो गए हैं और दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए हैं. इसने ऑस्ट्रेलिया को तो मुश्किल में डाल दिया है लेकिन टीम इंडिया के लिए भी ये अच्छे संकेत नहीं हैं.

अब आप भी अगर हैरान हैं कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के चोटिल होने से टीम इंडिया की टेंशन क्यों बढ़ी है तो उसके बारे में विस्तार से बताएंगे. पहले जॉश हेजलवुड के बारे में जान लीजिए. स्टार पेसर को पर्थ टेस्ट के बाद लो ग्रेड लेफ्ट साइड इंजरी का सामना करना पड़ा था. इसके चलते वो एडिलेड में 6 दिसंबर से शुरू हो रहे डे-नाइट टेस्ट मैच से बाहर हो गए हैं. हेजलवुड की चोट ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि पर्थ में वो टीम के सबसे अच्छे बॉलर साबित हुए थे.

झटका ऑस्ट्रेलिया को, टेंशन टीम इंडिया के लिए

अब हेजलवुड की कमी तो ऑस्ट्रेलिया को खलनी लाजमी है. ऐसे में उनकी जगह दाएं हाथ के ही पेसर स्कॉट बोलैंड को मिलनी लगभग तय है और यही टीम इंडिया के लिए चिंता की बात है. असल में 35 साल के स्कॉट बोलैंड का टेस्ट करियर तो बहुत छोटा रहा है लेकिन उनका प्रदर्शन दमदार रहा है. बात अगर सिर्फ डे-नाइट टेस्ट की करे तो इसमें बोलैंड बेहद मुश्किल बॉलर साबित हुए हैं.

उन्होंने पिंक बॉल वाले सिर्फ 2 टेस्ट खेले हैं और इसमें 7 विकेट हासिल किए हैं. सबसे खास बात उनका औसत और इकॉनमी रेट है. बोलैंड ने 13.71 की बेहतरीन औसत से विकेट लिए हैं और सिर्फ 1.84 की जबरदस्त किफायत से रन खर्चे हैं. रेड बॉल से सधी हुई सीम बॉलिंग करने वाले बोलैंड के हाथों में पिंक बॉल और भी ज्यादा खतरनाक साबित होती है.

छोटे करियर में अच्छा प्रदर्शन

हालांकि उन्होंने टीम इंडिया के खिलाफ कोई भी डे-नाइट टेस्ट नहीं खेला है लेकिन रेड बॉल से जरूर अपना जोर दिखाया है. लंदन में पिछले साल खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में उन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर 5 विकेट हासिल किए थे, जिसमें विराट कोहली और शुभमन गिल जैसे बल्लेबाजों के विकेट शामिल थे. ओवरऑल अपने 10 टेस्ट के करियर में बोलैंड ने सिर्फ 20.34 की औसत से 35 विकेट हासिल किए हैं.



*****