साख, समर्पण और सीरीज जीतने की लड़ाई है एडिलेड टेस्ट, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तस्वीर भी होगी साफ

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साख, समर्पण और सीरीज जीतने की लड़ाई है एडिलेड टेस्ट, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तस्वीर भी होगी साफ

साख, समर्पण और सीरीज जीतने की लड़ाई है एडिलेड टेस्ट, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तस्वीर भी होगी साफ

एडिलेड टेस्ट में जरूरी है जीत (फोटो- GETTY IMAGES)

कुछ बरस पहले तक ऐसा कहा जाता था कि पांच दिन के टेस्ट मैच में तीसरे दिन से काफी हद तक अंदाजा लगने लगता था कि मैच किस तरफ जा रहा है. तब टेस्ट मैच पांच दिन चला भी करते थे. अब तो कुछ ही टेस्ट मैच हैं जो पांचवें दिन की शक्ल देखते हैं. वरना ज्यादातर टेस्ट मैच 3 से 4 दिन में खत्म हो रहे हैं. इसी फॉर्मूले को अब पांच टेस्ट मैच की सीरीज पर भी लागू कर देते हैं. ऐसा लग रहा था कि तीसरा टेस्ट मैच सीरीज का रूख तय करेगा, लेकिन पर्थ में भारतीय टीम की जीत के बाद कहानी पूरी तरह बदल गई है. अब गणित बिल्कुल सीधा है. अगर ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में जीत हासिल की तो सीरीज का रोमांच बढ़ेगा, लेकिन अगर भारतीय टीम ने पर्थ की तरह ही एडिलेड में भी कंगारुओं को हार की तरफ ढकेल दिया तो ऑस्ट्रेलिया की बहुत किरकिरी होगी.

पिछले एक दशक से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर भारत का कब्जा है. अब अगर पांच में से पहले दो टेस्ट मैच भारतीय टीम जीत लेती है तो फिर ये कहा जा सकता है कि अगले तीन टेस्ट मैच में एक जीत उसके हाथ आएगी ही आएगी. ये बात क्रिकेट फैंस के गले के नीचे नहीं उतर रही है कि दो मैच हारने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया को कमजोर नहीं आंकना चाहिए और वो अगले तीन टेस्ट मैच लगातार जीत सकती है. खेल की दुनिया में होने को तो कुछ भी हो सकता है कि लेकिन मौजूदा फॉर्म ये साफ तौर पर बताते हैं कि अगर एडिलेड में भारतीय टीम जीत हासिल करती है तो एक बार फिर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर उसी का कब्जा होगा.

विषम परिस्थितियों में जीत से चमकेगा भारत

एडिलेड में जीत हासिल करना भारतीय टीम के लिए कहीं से भी आसान नहीं रहने वाला है. ये टेस्ट मैच पिंक बॉल से खेला जाएगा. ऑस्ट्रेलिया की टीम के पास पिंक बॉल टेस्ट मैच खेलने का तजुर्बा ज्यादा है. इसके अलावा अब तक खेले गए 12 पिंक बॉल टेस्ट में 11 में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली है. भारत ने भी 4 में से 3 पिंक बॉल टेस्ट में जीत हासिल की थी. लेकिन वो इकलौती हार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही है. यानी कुल मिलाकर परिस्थितियां उलट हैं. हां, इसे ऐसे भी देखा जा सकता है कि विषय परिस्थितियां तो पर्थ टेस्ट मैच में भी थीं.

पर्थ में टीम इंडिया का जबरदस्त प्रहार

याद कीजिए कप्तान रोहित शर्मा नहीं खेल रहे थे, शुभमग गिल चोट की वजह से बाहर हो चुके थे. सलामी जोड़ी तक की तलाश थी. पहली पारी में 150 रन पर पूरी टीम सिमट गई थी. लेकिन इसके बाद मजबूत इरादे के दम पर भारत ने टेस्ट मैच में वापसी की. पहले ऑस्ट्रेलिया को 104 रन पर समेटा और फिर 500 के करीब रन जोड़ दिए. यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने 201 रन की रिकॉर्ड साझेदारी कर दी. भारत ने टेस्ट मैच में 295 रन से जीत हासिल की. इससे पहले भी ये देखा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में जब-जब भारतीय टीम हालात के हाथों फंसी है तो खिलाड़ियों ने हौसले से काम लिया. ऋषभ पंत, वाशिंगटन सुंदर या फिर आर अश्विन जैसे खिलाड़ियों का उदाहरण आपको सहज ही याद आ जाता है.

लिहाजा ठीक है कि एडिलेड में भी परिस्थितियां काफी हद तक मेजबान टीम के पक्ष में हैं लेकिन भारतीय टीम को भी हवा का रूख बदलना आता है. भारतीय टीम के खिलाड़ी अच्छी तरह समझते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रन बनाना दुनिया की और किसी भी टीम के खिलाफ रन बनाने से ज्यादा अहम है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार अब चुभती है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मौजूदा समय में भारत और ऑस्ट्रेलिया हर फॉर्मेट में क्रिकेट की सबसे बड़ी शक्तियों में शुमार हैं.

टीम इंडिया ने बड़े बदलाव की तरफ बढ़ाया कदम

हवा का रूख बदलने के लिए भारतीय टीम ने बड़ा बदलाव भी कर दिया है. एडिलेड टेस्ट मैच में रोहित शर्मा मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करेंगे. मैच से पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सस्पेंस से परदा हटा दिया. उन्होंने बताया कि पहले टेस्ट मैच में केएल राहुल की बल्लेबाजी को वो अपने नवजात बेटे के साथ देख भी रहे थे. केएल राहुल की उन्होंने जमकर तारीफ की. ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा ने पिछले पांच साल से जिस ओपनिंग को संभाल रखा था उसे केएल राहुल को सौंप दिया. अब रोहित शर्मा एडिलेड टेस्ट में मिडिल ऑर्डर में खेलेंगे.

यहां एक और बात पर ध्यान देना होगा. न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली सीरीज में रोहित शर्मा की फॉर्म अच्छी नहीं थी. उन्होंने 3 टेस्ट मैच में कुल 91 रन बनाए थे. इसमें से भी एक मैच में ही उन्होंने 52 रन बना दिए थे. तीन पारियों में तो वो दहाई तक नहीं पहुंचे. 6 पारियों में चार बार उन्हें टिन सउदी और मैट हैनरी जैसे तेज गेंदबाजों ने आउट किया. यानी स्पिन के खिलाफ बल्लेबाजी तक वो पहुंचने से पहले ही पवेलियन लौट चुके थे. उनके मिडिल ऑर्डर में आने का लाभ उन्हें भी हो सकता है.

टीम इंडिया का हर खिलाड़ी जीत के लिए खेलता है

रोहित ने मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा भी कि अब इस टीम के खिलाड़ियों पर अपने रन, अपने शतक से फर्क नहीं पड़ता बल्कि अब हर कोई टीम की जीत के लिए खेलता है. इस सीरीज के शुरू होने से पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का समीकरण ऐसा था कि भारत को पांच में 4 टेस्ट मैच जीतने थे. लेकिन ये मान कर चलिए कि दुनिया भर में इस सीरीज के अलावा अभी जो करीब एक दर्जन टेस्ट मैच खेले जाने हैं उसमें भी तो कोई उलटफेर होगा. एक आंकलन के मुताबिक भारतीय टीम अगर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीत लेती है तो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उसकी जगह का दावा और मजबूत होगा. इसीलिए एडिलेड टेस्ट इस सीरीज का सिर्फ एक टेस्ट मैच नहीं रह गया है बल्कि निर्णायक मैच हो गया है.



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