क्या ट्रंप करेंगे टेस्ला की इंडिया में एंट्री को लेकर मदद?
Tesla in India, Trump in America: एलन मस्क अपनी टेस्ला कार को इंडिया में लाने की लंबे समय से कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वह सरकार से कई तरह की रियायतों की बात कर चुके हैं. इस बीच भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा हर दिन नए कमाल कर रही हैं. दोनों कंपनियां टेस्ला के स्वागत के लिए तैयार दिख रही हैं, तो क्या अब एलन मस्क को अमेरिका में हुए सत्ता परिवर्तन यानी डोनाल्ड ट्रंप की वापसी का सहारा मिलने जा रहा है.
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की नजदीकी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां नए बनने वाले ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ (DOGE) का प्रमुख एलन मस्क को बनाया गया है. ये इतनी बड़ी जिम्मेदारी है कि एलन मस्क सीधे-सीधे अमेरिका की पॉलिसी बनाने में हस्तक्षेप कर सकते हैं.
इतना ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शासनकाल में अमेरिकी बिजनेस को सपोर्ट करने के लिए नई टैरिफ व्यवस्था लाने का भी ऐलान किया है. अपने पिछले शासनकाल में वह भारत के हार्ले डेविडसन समेत कई अन्य अमेरिकी चीजों पर हाई टैक्स का मुद्दा उठा चुके हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंध होने के चलते वह भारत में टेस्ला की एंट्री सुनिश्चित करने के लिए कुछ और रियायतों को लेकर बात कर सकते हैं.
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Tata-Mahindra ने भारत में बदला गेम
इधर टाटा और महिंद्रा ने भारत के इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट का गेम पूरी तरह बदल दिया है. टाटा के पोर्टफोलियो में टिएगो, टिगॉर, नेक्सॉन, कर्व और पंच जैसे मॉडल इलेक्ट्रिक वर्जन में भी उपलब्ध हैं. जबकि कंपनी टाटा सिएरा के साथ इस सेगमेंट बड़ी एंट्री करने वाली है.
वहीं दूसरी ओर महिंद्रा एंड महिंद्रा ने XEV 9e और BE 6e जैसी कारों को लॉन्च किया है. इन दोनों ही कारों में एडवांस लेवल का एडीएएस सिस्टम है, जो ड्राइव कंट्रोल से लेकर ऑटो पार्किंग तक की सुविधा देता है. इतना ही नहीं कंपनी ने अपने एडीएएस को भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से अपग्रेड भी किया है.
जैसे कि इन गाड़ियों का एडीएएस सिर्फ किसी इंसान के सामने आने पर ही स्पीड कंट्रोल नहीं करता, बल्कि गाय या कुत्ते जैसे जानवर के सड़क पर आ जाने को भी सेंस करके ऑटोमेटिक स्पीड कंट्रोल और ब्रेक अप्लाई करता है. इस तरह ये टेस्ला से भी एक कदम आगे चला जाता है. ऊपर से इन कारों की कीमत XEV 9e की 21.90 लाख और BE 6e की 18.90 लाख रुपए है, जो टेस्ला के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है.
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Tesla को चाहिए ये रियायतें
एलन मस्क ने शुरुआत में टेस्ला की भारत में एंट्री के लिए उसे कुछ समय तक अपनी कारों को इंडिया में कंप्लीट बिल्ट यूनिट (CBU) के तौर पर इंपोर्ट करने और भारतीय बाजार में सेल करके मार्केट टेस्ट करने की अनुमति मांगी थी. इसके लिए वह चाहते थे कि सरकार टेस्ला को इंपोर्ट टैक्स में रियायत दे, क्योंकि भारत में सीबीयू गाड़ियों पर 100 प्रतिशत तक टैक्स लगता है.
जबकि उनकी इस मांग पर भारत सरकार का ये कहना था कि एलन मस्क भारत में टेस्ला का कारखाना लगाएं और सरकार की पीएलआई स्कीम के तहत मिलने वाली छूट का फायदा उठाएं. इसके बाद टेस्ला का इंडिया आना ठंडे बस्ते में चला गया. फिर कुछ समय बाद भारत सरकार ने अपनी ईवी पॉलिसी में बदलाव किया और विदेशी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों के लिए इंपोर्ट ड्यूटी को कम कर दिया.
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इसके बाद एलन मस्क ने भारत आने की योजना बनाई और पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने का भी प्लान बनाया. लेकिन आखिरी मौके पर उनका प्लान कैंसिल हो गया. इसके बाद भारत के टेस्ला आने को लेकर फिलहाल कोई बड़ा अपडेट नहीं है.