नरेंद्र मोदी स्टेडियम से 10 गुना महंगा है पर्थ का मैदान, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

नरेंद्र मोदी स्टेडियम से 10 गुना महंगा है पर्थ का मैदान, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

दुनिया का सबसे महंगा क्रिकेट स्टेडियम. (फोटो- Paul Kane/Getty Images/Surjeet Yadav-ICC/ICC via Getty Images)

साबरमती नदी के किनारे बना नरेंद्र मोदी स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है. साल 2020 में बने इस स्टेडियम में 100000 फैंस एक साथ बैठकर मैच देख सकते हैं. नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हर एक आधुनिक सुविधा उपलब्ध हैं. लेकिन पर्थ का ऑप्टस स्टेडियम कीमत के मामले में नरेन्द्र मोदी स्टेडियम से 10 गुना महंगा है. इसी मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा, जिसकी शुरुआत 22 नवंबर से होने जा रही है. ये क्रिकेट स्टेडियम दुनिया का सबसे महंगा क्रिकेट स्टेडियम भी है.

दुनिया का सबसे महंगा क्रिकेट स्टेडियम

पर्थ का ऑप्टस स्टेडियम ऑस्ट्रेलिया के सबसे खूबसूरत स्टेडियम में से एक है, जिसकी गलती देश के सबसे बड़े और नए स्टेडियम में भी होती है. इस स्टेडियम को बनने में लगभग 3 साल का समय लगा था, जिसकी शुरुआत साल 2014 में हुई थी. स्टेडियम 2017 के अंत में तैयार हो गया था और आधिकारिक तौर पर 21 जनवरी 2018 को खोला गया था. ये ऑस्ट्रेलिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम भी है, जिसमें 60,000 लोग एक साथ मैच देख सकते हैं. यह मैदान 165 मीटर लंबा और 130 मीटर चौड़ा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम को बनाने में करीब 1.6 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खर्च हुए थे, जो उस समय के हिसाब से लगभग 8 हजार करोड़ रुपए थे. पर्थ स्टेडियम का उपयोग मुख्य रूप से फुटबॉल और क्रिकेट के लिए किया जाता है. यहां फुटबॉल, रग्बी और एथलेटिक्स के मुकाबले अक्सर होते हैं. पर्थ की दो ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल लीग टीमें यहां अपने मैच खेलती हैं. वहीं, बिग बैश लीग की टीम पर्थ स्कॉचर्स भी अपने घरेलू खेल इसी जगह पर खेलते हैं, जो पहले WACA ग्राउंड में होते थे.

नरेंद्र मोदी स्टेडियम को बनाने में कितना पैसा हुआ खर्च?

नरेंद्र मोदी स्टेडियम 63 एकड़ में फैला हुआ है. इस स्टेडियम में करीबन 114,000 लोगों के बैठने की क्षमता है. इस मैदान में 11 अलग-अलग क्रिकेट पिच भी हैं. खास बात ये है कि इस स्टेडियम में बैठकर फैंस क्रिकेट का हर एक एंगल बेहद अच्छे से देख सकते हैं. स्टैंड में बीच में एक भी पिलर है, जो इसे बाकी मैदानों से अलग बनाता है. इस स्टेडियम को बनने में लगभग 5 साल का समय लगा था और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 800 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. वहीं, यहां पहला मैच 24 फरवरी 2021 को भारत और इंग्लैंड की टीमों के बीच खेला गया था, जो डे नाइट टेस्ट मैच था.



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