गाड़ी में लॉक होने पर बच्चे कैसे खुद से निकलें बाहर, सिखाएं ये टिप्स

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Child Lock in Car: गाड़ी में लॉक होने पर बच्चे कैसे खुद से निकलें बाहर, सिखाएं ये टिप्स

Child Lock in Car: गाड़ी में लॉक होने पर बच्चे कैसे खुद से निकलें बाहर, सिखाएं ये टिप्स

बच्चे को सिखाएं ये जरूरी चीजेंImage Credit source: Microsoft Designer

एक छोटी सी लापरवाही मौत की वजह बन सकती है, हाल ही में दो ऐसे मामले सामने आए है जिसमें कार में लॉक होने की वजह से बच्चों की जान तक चली गई. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर कार में लॉक होने की वजह से जान कैसे जा सकती है? दरअसल, जब कोई भी बच्चा कार में लॉक हो जाता है और कई घंटों तक गाड़ी में लॉक रहता है तो इस दौरान गाड़ी में जहरीली गैस बनने लगती है. इस गैस की वजह से दम घुटने लगता है और जान चली जाती है. ऐसे में सवाल यहां यह उठता है कि आखिर कैसे इससे बचा जा सकता है?

अगर आप अपने बच्चे को गाड़ी में छोड़कर भी जाते हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए. जैसे कि कार का शीशा हल्का सा खुला रखें जिससे कि बाहर की ताजी हवा कार के अंदर आती रहे जिससे बच्चे का दम न घुटे. इसके अलावा अगर आपको किसी कारण बच्चे को कार में छोड़ना भी पड़ जाए तो कार का एसी ऑन रखकर जाएं जिससे कि बच्चे का दम न घुटे.

बच्चे को सिखाएं जरूरी चीजें

अगर आपके बच्चे की उम्र इतनी है कि नई चीज सीख सकता है तो बच्चे को सीखाना चाहिए कि अगर कभी कार लॉक हो जाए और बच्चा अकेला है तो उन्हें क्या करना चाहिए? आपको कार में हमेशा एक हैमर यानी हथौड़ा रखना चाहिए और बच्चे को बताना चाहिए कि अगर कभी वह कार में लॉक हो जाएं तो हथौड़े से शीशा तोड़कर वह बाहर आ जाएं.

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बच्चे को मोबाइल से कॉल मिलाना सीखाएं जिससे कि अगर आपका बच्चा कभी कार में लॉक हो जाए और अगर गाड़ी में फोन पड़ा हो तो बच्चे को कॉल मिलाना आता हो. बच्चे को माता-पिता यानी अपना नंबर याद करवाएं और कार में हमेशा एक कॉपी और पेन रखें या फिर एक पेपर पर अपना फोन नंबर लिखकर रखें. बच्चे को समझाएं कि अगर कभी वह लॉक हो जाएं तो पेपर पर हेल्प लिखकर शीशे पर लगाएं जिससे आसपास से गुजरने वाले व्यक्ति को पता चले कि बच्चा अंदर है.

दिल्ली में प्लमोनोलॉजिस्ट डॉ भगवान मंत्री बताते हैं कि जब गाड़ी में अंदर की हवा में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और कार्बन मोनॉक्साइड (CO) जैसी हानिकारक गैसें बढ़ जाती हैं, तो मौत हो सकती है. अगर गाड़ी के सभी दरवाजे और शीशे बंद हैं तो गाड़ी में हवा का सर्कुलेशन नहीं हो पाता है. ऐसे में कार्बन मोनॉक्साइड का लेवल बढ़ता रहता है. ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है. ऑक्सीजन की कमी से हार्ट और ब्रेन की सेल्स मरने लगती हैं. इन अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है और हार्ट बीट कम होने लगती है. इससे हार्ट सही तरीके से काम नहीं कर पाता है और ब्रेन तक भी ऑक्सीजन नहीं जाता है, जो मौत का कारण बनता है.



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