पुणे टेस्ट में फिर न हो जाए 7 साल पुराना हादसा, टीम इंडिया को पहले दिन ही मिले डराने वाले संकेत

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पुणे टेस्ट में फिर न हो जाए 7 साल पुराना हादसा, टीम इंडिया को पहले दिन ही मिले डराने वाले संकेत

पुणे टेस्ट में फिर न हो जाए 7 साल पुराना हादसा, टीम इंडिया को पहले दिन ही मिले डराने वाले संकेत

टीम इंडिया के साथ पुणे में फिर 7 साल पुराना हादसा न हो जाए.Image Credit source: PTI

ऐसा कम ही होता है जब टीम इंडिया अपने घर में किसी टेस्ट सीरीज का पहला मैच हारे और दूसरे मैच में भी उसकी स्थिति अच्छी न हो. पिछले कुछ सालों में पहला टेस्ट हारने के बावजूद भारतीय टीम ने अगले मैच में शानदार वापसी की है. न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में स्थिति कुछ अलग दिख रही है. बेंगलुरु में पहले टेस्ट में मिली चौंकाने वाली हार के बाद टीम इंडिया के सामने सीरीज बचाने की चुनौती है और जिस तरह की शुरुआत पुणे टेस्ट की हुई है, उससे अच्छे संकेत नहीं मिल रहे हैं. इसने 7 साल पुराने उस टेस्ट मैच की याद दिला दी है, जो इसी मैदान पर खेला गया था और टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था.

पुणे टेस्ट में पहले दिन क्या हुआ?

सबसे पहले बात भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट मैच के पहले दिन की. गुरुवार 24 अक्टूबर से शुरू हुए इस मुकाबले के पहले दिन न्यूजीलैंड ने टॉस जीता और पहले बैटिंग के लिए उतरी. कीवी टीम की शुरुआत सही रही और डेवन कॉनवे, रचिन रविंद्र, विल यंग ने मिलकर टीम को 200 रन के करीब पहुंचा दिया था. यहीं पर रचिन रविंद्र का विकेट गिरा वॉशिंगटन सुंदर को मिला और फिर देखते ही देखते कीवी टीम सिर्फ 259 रन पर ढेर हो गई. इसके बाद टीम इंडिया बैटिंग के लिए उतरी लेकिन कप्तान रोहित शर्मा खाता खोले बिना आउट हो गए और टीम इंडिया ने दिन का खेल खत्म होने तक 1 विकेट खोकर 16 रन बना लिए थे.

7 साल पुराने हादसे के संकेत

अब बात उस खतरे की करते हैं, जो टीम इंडिया पर मंडरा रहा है. असल में पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में पहला मैच 7 साल पहले 2017 में खेला गया था. वो मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था. उस मैच में भी ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग की थी और पहले दिन 9 विकेट खोकर 259 रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलियाई पारी आखिरकार सिर्फ 260 रन पर ढेर हुई, न्यूजीलैंड के स्कोर से सिर्फ 1 रन ज्यादा. इसके बाद टीम इंडिया पहली पारी में सिर्फ 105 रन पर ढेर हो गई. संयोग से उस पारी में भी टीम इंडिया के कप्तान रहे विराट कोहली खाता खोलने में नाकाम रहे थे.

यानि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की पहली पारी के स्कोर लगभग बराबर हैं, जबकि दोनों मैच में पहली पारी में टीम इंडिया के कप्तान 0 पर आउट हुए थे. यहां तक तो सब कुछ मिलता-जुलता है, अब टीम इंडिया पहली पारी में कितने रन बनाती है इस पर नजरें रहेंगी. अगर भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया ने वो मैच 333 रन के बड़े अंतर से जीता था. ऑस्ट्रेलिया की इस जीत में बाएं हाथ के स्पिनर स्टीव ओ कीफी सबसे बड़े नायक बनकर उभरे थे. उन्होंने दोनों पारियों में 6-6 विकेट झटके थे. अब अगर न्यूजीलैंड की बात करें तो इस टीम के पास भी मिचेल सैंटनर और एजाज पटेल के रूप में बाएं हाथ के 2 स्पिनर हैं. दोनों ने ही पहले दिन के अंत में शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल को परेशान किया था.

12 साल बाद टूटेगा वर्चस्व?

इससे ये तो साफ है कि पहले दिन के संकेत टीम इंडिया के लिए अच्छे नहीं हैं. अब अगर टीम इंडिया के बल्लेबाजों का प्रदर्शन 7 साल पुराने टेस्ट की तरह रहा तो न्यूजीलैंड ये मुकाबला भी जीत जाएगी और फिर वो हो जाएगा जो पिछले 12 साल से नहीं हुआ है. करीब 12 साल बाद कोई टीम भारत में आकर टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब होगी, जो आखिरी बार 2012 में इंग्लैंड ने किया था. यानि अब टीम इंडिया के बल्लेबाजों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है कि वो पहली पारी में ही एक बड़ा स्कोर खड़ा करें क्योंकि ये पिच पहले दिन से ही टर्न हो रही है और आखिरी पारी में भारत को ही बैटिंग करनी है.



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