10 से 12 सितंबर, 2024 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला आईपीओ 345.65 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ। इस इश्यू का प्राइस बैंड (70 रुपये प्रति शेयर) पर थी। कंपनी ने आईपीओ के जरिए 44.87 करोड़ रुपये जुटा भी लिए और अब बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ट्रैफिकसोल आईटीएस टेक्नोलॉजीज के एसएमई आईपीओ को रद्द कर दिया है। कंपनी को निवेशकों को पैसे वापस करने के लिए आदेश दिया गया है।
द इंडियन एक्सप्रेश की खबर के मुताबिक इश्यू के बंद होने और शेयरों के आवंटन के बाद, सेबी और बीएसई को स्मॉल इन्वेस्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन से एक शिकायत मिली। इसमें आरोप लगाया गया कि कंपनी द्वारा इश्यू के उद्देश्यों में एक विक्रेता से 17.70 करोड़ रुपये मूल्य के सॉफ्टवेयर की खरीद शामिल थी, जिसकी वित्तीय स्थिति संदिग्ध थी और जिसने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ अपने वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statements) दाखिल नहीं किए थे। इसके बाद बीएसई ने सेबी के परामर्श से कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग को स्थगित कर दिया।
सेबी ने अपने 16 पेज के आदेश में कहा, “निष्कर्षों के आधार पर, यह निष्कर्ष निकालना उचित है कि विचाराधीन थर्ड पार्टी विक्रेता (टीपीवी) एक ‘शेल एंटीटी’ है। टीपीवी का दफ्तर साइट निरीक्षण के दौरान बंद पाया गया था और आरोपों के जवाब में प्रस्तुत किए गए वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 24 के लिए इसके वित्तीय विवरण संदिग्ध परिस्थितियों में प्राप्त किए गए थे। क्योंकि, इसे एमबी (मर्चेंट बैंकर) द्वारा बीएसई को प्रस्तुत किए जाने के उसी दिन ऑडिटर द्वारा साइन किया गया था।”
क्लाइंट लिस्ट और निदेशकों की फर्जी थी साख
यह तब की बात है, जब बीएसई ने सेबी की सलाह से कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग पर रोक लगा दी थी और जांच शुरू की थी। सेबी ने कहा, “इसके प्रोफाइल में प्रस्तुत क्लाइंट लिस्ट और इसके निदेशकों की क्रेडिट फर्जी थी। इसके अलावा, पूर्व निदेशक का शपथ पत्र कि कंपनी को 20,000 रुपये की मामूली राशि में बेचा गया था, इस निष्कर्ष को पुष्ट करता है कि टीपीवी के पास आईसीसीसी सॉफ्टवेयर जैसे जटिल प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता और परिचालन क्षमता का अभाव था।”
यह था गड़बड़झाला
सेबी ने कहा, “यह सवाल कि क्या टीपीवी से कोटेशन आईपीओ की आय को डायवर्ट करने की योजना का हिस्सा था, शिकायत और उसके बाद नियामक हस्तक्षेप से शुरू हुई घटनाओं के कारण विवादास्पद बना रहेगा। हालांकि, यह इस तथ्य को नकार नहीं सकता कि कंपनी ने एक फर्जी इकाई पर भरोसा किया और टीपीवी की साख की जांच के दौरान कवर-अप में भाग लिया।”
सेबी ने आदेश में कहा, “मैं इस तथ्य को भी नजरअंदाज नहीं कर सकता कि जिन निवेशकों को आईपीओ में शेयर अलॉट किए गए हैं, उनके फंड करीब तीन महीने से लॉक-इन हैं। इसलिए, जांच के अन्य निष्कर्षों पर निर्णय होने तक इस मुद्दे को रोका नहीं जा सकता है। कंपनीआईपीओ के माध्यम से जुटाई गई धनराशि वापस करे।”
क्या करती है कंपनी
मार्च 2018 में निगमित, नोएडा स्थित ट्रैफ़िकसोल का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, सॉल्यूशन और सप्लाई, सर्विस सहित इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम और ऑटोमेशन के लिए व्यापक सॉल्यूशन प्रदान करता है। आईपीओ प्रॉस्पेक्टस में कहा गया है, “हमारी पेशकशों में सभी प्लेटफार्म पर तैयार और अनुकूलित सॉफ्वेयर सॉल्यूशन, ऑपरेटिंग सिस्टम और कंप्यूटर गेम शामिल हैं।” जितेंद्र नारायण दास कंपनी के चेयरमैन और एमडी हैं। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 65.81 करोड़ रुपये का राजस्व और 12.01 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।