3 गेंद में 30 रन, एक फुट लंबी नोबॉल… ICC की नाक के नीचे मैच फिक्सिंग? श्रीलंकाई दिग्गज पर उठे सवाल

3 गेंद में 30 रन, एक फुट लंबी नोबॉल... ICC की नाक के नीचे मैच फिक्सिंग? श्रीलंकाई दिग्गज पर उठे सवाल

अबू धाबी टी10 लीग में पैर को इतना बाहर निकालकर नो-बॉल डालना बेहद आम हो चुका है.Image Credit source: Screenshot/x

प्रोफेशनल क्रिकेट में पिछले कई सालों में गेंदबाजों की पिटाई के नए-नए रिकॉर्ड बने हैं. कई बार एक ओवर में 30 रन, 36 रन और यहां तक कि 42 रन भी बन चुके हैं. लेकिन ये सब अलग-अलग वक्त पर, अलग-अलग जगहों पर और अलग-अलग टूर्नामेंट में देखने को मिले हैं. लेकिन एक ओवर की सिर्फ 3 गेंदों में 30 रन, ये सुनकर किसी के भी कान खड़े हो जाएंगे, आंखें खुली की खुली रह जाएंगी. अगर ये काफी नहीं है तो उस ओवर में एक फुट लंबा पैर बाहर निकालकर नोबॉल भी देखने को मिली. ये सब हुआ है अबू धाबी टी10 लीग के एक मुकाबले में, जहां अब ये आम नजारा हो चुका है और मैच फिक्सिंग के गंभीर आरोप लगने लगे हैं.

क्रिकेट के सबसे छोटे अनाधिकारिक फॉर्मेट में पिछले 4-5 साल से ये अबू धाबी टी10 लीग ने अपनी पहचान बनाई है. इस लीग में पहले तो ज्यादातर अनजान या कम मशहूर क्रिकेटर खेलते थे लेकिन टी20 और टी10 क्रिकेट लीग की दुनियाभर में बढ़ती लोकप्रियता के कारण अब मशहूर क्रिकेटर भी इसमें खेल रहे हैं. यहां तूफानी बैटिंग तो देखने को मिल ही रही है लेकिन जिस तरह की गेंदबाजी दिख रही है, उसका मजाक बनकर रह गया है.

तूफानी बैटिंग, शर्मनाक बॉलिंग या….

ताजा मामला 25 नवंबर का है, जब दिल्ली बुल्स और बांग्ला टाइगर्स की टीमें टकरा रही थीं. इस मैच में दिल्ली ने पहले बैटिंग की और 10 ओवर में 6 विकेट खोकर 123 रन बनाए. उसके लिए आठवें नंबर के बल्लेबाज निखिल चौधरी ने सबसे ज्यादा 47 रन बनाए, वो भी सिर्फ 16 गेंदों में, जिनमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल थे. इसमें से 28 रन तो निखिल ने एक ही ओवर में बटोरे.

निखिल ने तो चौके-छक्कों की बारिश से ये रन हासिल किए लेकिन चर्चा उन्होंने नहीं, बल्कि ये ओवर डालने वाले गेंदबाज ने बटोरी, वो भी अपनी चौंकाने वाली गेंदबाजी से. ये गेंदबाज थे दासुन शानका. उन्होंने इस ओवर में 33 रन खर्चे लेकिन इसमें से 30 रन तो सिर्फ 3 गेंदों में आ गए. जी हां, उनकी 3 लीगल गेंदों में 30 रन आए और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शानका ने घटिया गेंदबाजी की सारी हदें पार करते हुए ओवर में 3 गेंदों के साथ ही 4 नो-बॉल भी डालीं.

उनकी पहली बॉल पर चौका लगा. फिर अगली दो गेंद नोबॉल रहीं और इन पर भी चौके लगे. अगली गेंद यानि दूसरी सही गेंद पर चौका लगा. फिर तीसरी सही गेंद पर छक्का लगा. फिर अगली गेंद नो-बॉल रही लेकिन कोई रन नहीं मिला. इसके बाद फिर नोबॉल डाली और उस पर चौका आ गया. यानि तस्वीर कुछ ऐसी थी- 4, 4(nb),4(nb),4,6,(nb),4(nb).

…मैच फिक्सिंग?

शानका ने फिर वापसी करते हुए आखिरी 3 गेंदों पर सिर्फ एक-एक रन दिए और ओवर से 33 रन खर्चे हुए. लेकिन जिस तरह उनकी नोबॉल रहीं, वो और चौंकाने वाली थी. एक नो-बॉल पर तो उनका पैर क्रीज से करीब एक फुट बाहर था. आम तौर पर एक-दो सेंटीमीटर या एक-दो इंच तक तो नो-बॉल आम तौर पर दिख जाती है लेकिन एक फुट की नो-बॉल इसे शक के घेरे में डालने के लिए काफी है. जाहिर तौर पर इससे मैच फिक्सिंग के आरोप लगने लाजिमी थे और ऐसा ही हुआ भी. कई फैंस ने सोशल मीडिया पर इसे खुले आम फिक्सिंग बताते हुए टूर्नामेंट बंद करने की मांग कर डाली.

ICC की नाक के नीचे हो रहा ये सब

ये को पहला मौका नहीं है. कुछ ही दिन पहले एक और गेंदबाज ने इसी तरह की लंबी नो-बॉल डाली थी. पिछले कुछ सीजन में भी ऐसे नजारे दिखते रहे हैं. ये इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि शानका कोई छोटे-मोटे खिलाड़ी नहीं हैं, बल्कि वो श्रीलंका के अनुभवी ऑलराउंडर हैं और 2 साल पहले उसे एशिया कप जिताने वाले पूर्व कप्तान भी थे. वो हाल के समय तक भी टीम का हिस्सा थे. इसके अलावा ये सब आईसीसी की नाक के नीचे हो रहा है क्योंकि आईसीसी का हेडक्वार्टर अबू धाबी से कुछ ही दूरी पर दुबई में है. ऐसे में क्या आईसीसी इस पर एक्शन लेगी?



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